Khubsurati Ki Tareef Shayari 2 line hindi खुबसूरती शेर
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम खूबसूरती की महत्वपूर्णता को समझेंगे और उसे तारीफ के रूप में व्यक्त करने के लिए कुछ बेहतरीन शेर और शायरी का अवलोकन करेंगे। यहां हमारा उद्देश्य नहीं सिर्फ खूबसूरती की माहौलीकरण करना है, बल्कि इसे एक कला के रूप में समझना भी है। तो चलिए, इस सफर पर साथ चलें और खूबसूरती की उस अद्वितीय पराकाष्ठा में समाहित हों जो रचनात्मक रूप से हमारी सोच को प्रेरित करती है।
तेरी मुस्कान में जो जादू है, वो किसी खजाने से कम नहीं, तेरी आँखों की चमक में, चाँदनी भी होश खो बैठे।
तेरे चेहरे की रौनक से, हर सुबह का उजाला हो, तेरे हुस्न की बातों में, एक नया अफसाना हो।
तेरी हंसी की मिठास में, जैसे शहद की धारा बहे, तेरी अदाओं की नजाकत में, दिल भी ठहर जाए।
तेरे हुस्न की कहानी में, हर लफ्ज़ जैसे मोती हो, तेरे नक्श की नज़ाकत में, खुदा की खुदाई हो।
तेरी झील सी आँखों में, सब डूब जाना चाहते हैं, तेरे गेसुओं की छाँव में, दिल सुकून पाना चाहते हैं।
तेरी सादगी में जो नशा है, वो शराब में कहाँ, तेरी हर अदा में, एक हसीन ख्वाब है बसा।
तेरी हर एक अदा में, जन्नत की झलक मिलती है, तेरे बिना ये दुनिया, अधूरी सी लगती है।
तेरे हुस्न की तारीफ में, अल्फाज़ कम पड़ जाते हैं, तेरी मुस्कान की चाँदनी में, सितारे भी शर्मा जाते हैं।
तेरी तारीफ में, कलम भी रुक जाती है, तेरी मोहब्बत में, जिंदगी मुस्कराती है।
तेरे नाजुक होठों की, क्या ही बात करें, तेरे बिना ये जिंदगी, अधूरी सी लगती है।
तेरे चेहरे की चमक में, हर रात रौशन हो जाए, तेरी बातों की मिठास में, हर दिल दीवाना हो जाए।
तेरी तारीफ में, हम क्या कहें, तेरे हुस्न की हर अदा, दिल को भा जाए।
तेरे नयनों में जो कशिश है, वो आसमान में नहीं, तेरे लबों की नजाकत में, गुलाब भी हैरान हैं।
तेरे हुस्न की तारीफ में, हजारों शेर लिखे जा सकते हैं, तेरी मुस्कान की चमक में, सितारे भी शर्मिंदा हो जाते हैं।
तेरे चेहरे की मासूमियत में, हर दर्द भूल जाता है, तेरी हंसी की मिठास में, दिल बहल जाता है।
तेरी तारीफ में क्या कहें, शब्द भी कम पड़ जाएं, तेरी खूबसूरती की बातों में, हर कोई खो जाए।
तेरे हुस्न की तारीफ में, हर लफ्ज़ खास है, तेरे बिना ये दुनिया, अधूरी सी प्यास है।
तेरी आँखों की गहराई में, सागर भी खो जाएं, तेरी तारीफ में, हर शायर को नए अल्फाज़ मिल जाएं।
तेरे हुस्न की कहानी में, हर पल नई रौशनी हो, तेरी मुस्कान की चाँदनी में, रात भी रोशन हो।
तेरी अदाओं की तारीफ में, कलम भी झुक जाए, तेरी खूबसूरती की बातों में, दिल भी धड़क जाए।
तेरे हुस्न की जो तारीफ हम करें, हर अल्फ़ाज़ में जैसे ग़ालिब का असर हो।
दिल-ए-नादान तुझसे मोहब्बत कर बैठा, तेरे हुस्न का जादू ऐसा चला कि ग़ालिब भी हैरान हो।
तेरी आँखों की शरारत में जो जलवा है, उस जलवे का बयान, ग़ालिब के लफ्ज़ों में हो।
तेरे लबों की नज़ाकत ने, हमें बेक़रार कर दिया, जैसे ग़ालिब के अशआर ने, हर दिल को दीवाना कर दिया।
तेरी मुस्कान की मिठास में, ग़ालिब का रंग दिखता है, तेरे हुस्न की तारीफ में, हर शायर का कलाम झलकता है।
तेरी अदाओं की तारीफ में, ग़ालिब भी कम पड़ जाएं, तेरी हर बात में, एक नया अफसाना बन जाए।
तेरे चेहरे की चमक में, चाँद भी शरमाए, तेरी तारीफ में ग़ालिब का कलम भी झुक जाए।
तेरे हुस्न की हर बात, दिल को भाती है, जैसे ग़ालिब की गज़ल, हर दिल को भाती है।
तेरे हुस्न की कहानी में, ग़ालिब का रंग है, तेरी हर अदा में, मोहब्बत का अंग है।
तेरी तारीफ में ग़ालिब भी चुप हो जाएं, तेरी अदाओं की नज़ाकत में, हर दिल थम जाए।
तेरी आँखों की गहराई में, ग़ालिब का शेर खो जाएं, तेरे लबों की नजाकत में, हर शायर का दिल धड़क जाए।
तेरे हुस्न की तारीफ में, ग़ालिब भी शायर हो जाएं, तेरी मुस्कान की चाँदनी में, रात भी रोशन हो जाए।
तेरे चेहरे की मासूमियत में, ग़ालिब का शेर नजर आए, तेरी तारीफ में, हर दिल दीवाना हो जाए।
तेरे हुस्न की तारीफ में, ग़ालिब भी कम लिखें, तेरे लबों की मिठास में, दिल भी थम जाए।
तेरी आँखों की शरारत में, ग़ालिब का जादू है, तेरी हर बात में, एक नया अफसाना है।
तेरे हुस्न की कहानी में, ग़ालिब का रंग भरा है, तेरी अदाओं की नजाकत में, हर दिल धड़कता है।
तेरी तारीफ में ग़ालिब भी हार जाएं, तेरे हुस्न की चाँदनी में, हर दिल थम जाए।
तेरी आँखों की गहराई में, ग़ालिब का शेर खो जाएं, तेरे लबों की नजाकत में, हर दिल दीवाना हो जाए।
तेरे हुस्न की तारीफ में, ग़ालिब भी शायर हो जाएं, तेरी मुस्कान की चाँदनी में, हर रात रोशन हो जाए।
तेरे चेहरे की मासूमियत में, ग़ालिब का शेर नजर आए, तेरी तारीफ में, हर दिल दीवाना हो जाए।
तेरे हुस्न की तारीफ में, ग़ालिब का रंग दिखता है, तेरी हर अदा में, मोहब्बत का अंग झलकता है।
तेरी तारीफ में ग़ालिब भी चुप हो जाएं, तेरी अदाओं की नज़ाकत में, हर दिल थम जाए।
तेरे चेहरे की चमक में, ग़ालिब का शेर जले, तेरी तारीफ में, हर दिल का दिल मचले।
तेरे हुस्न की हर बात, दिल को भाती है, जैसे ग़ालिब की गज़ल, हर दिल को लुभाती है।
तेरी अदाओं की तारीफ में, ग़ालिब भी कम पड़ जाएं, तेरी हर बात में, एक नया अफसाना बन जाए।
तेरी आँखों की गहराई में, ग़ालिब का शेर खो जाएं, तेरे लबों की नजाकत में, हर शायर का दिल धड़क जाए।
तेरे हुस्न की तारीफ में, ग़ालिब भी शायर हो जाएं, तेरी मुस्कान की चाँदनी में, रात भी रोशन हो जाए।
तेरे चेहरे की मासूमियत में, ग़ालिब का शेर नजर आए, तेरी तारीफ में, हर दिल दीवाना हो जाए।
तेरे हुस्न की तारीफ में, ग़ालिब भी कम लिखें, तेरे लबों की मिठास में, दिल भी थम जाए।
तेरी आँखों की शरारत में, ग़ालिब का जादू है, तेरी हर बात में, एक नया अफसाना है।