कविता 1
तारे गिनते रातें गुज़र गईं,
सपनों की परछाइयाँ भी खो गईं।
आँखों में बसाया था जिसे,
वह चाँदनी भी धुंधली हो गईं।
कविता 2
फूलों की बगिया में बहार आई,
मधुर बयार संग खुशबू लहराई।
दिल ने कहा कुछ बात करें,
प्रकृति की गोद में सुकून पाएं।
कविता 3
पंछियों की चहचहाहट में,
सुबह की पहली किरण।
जीवन की धड़कन में,
हर पल का उत्सव मन।
कविता 4
बूँद-बूँद बरसात की,
धरती को सींचती जाए।
प्रेम की वह बाती,
ह्रदय में दीप जलाए।
कविता 5
सागर की लहरों में,
जीवन का संगीत।
हर लहर में बसी है,
कहानी एक अजीब।
कविता 6
पेड़ों की छांव में,
बचपन की यादें ताज़ा।
हर पत्ता कहता है,
जीवन की एक नई गाथा।
कविता 7
दूर क्षितिज पर,
सूर्यास्त का रंग।
मन की तृष्णा में,
छुपा अनंत संग।
कविता 8
चाँदनी रात में,
खिलते हैं अरमान।
हर सितारा कहता है,
जीवन एक सुहाना जहान।
कविता 9
धरती के आँचल में,
फूलों का खिलना।
प्रेम की धारा में,
हर पल का मिलना।
कविता 10
हवाओं की गुफ्तगू में,
बसती है कविता।
प्रकृति की गोद में,
मुस्कुराती है सृष्टी।